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Sanskrit subhashitam

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  • Sanskrit subhashitam

    आदानस्य प्रदानस्य कर्तव्यस्य च कर्मण: |
    क्षिप्रम् अक्रियमाणस्य काल: पिबति तद्रसम् ||

    💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

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    जो कुछ लेना है अथवा कर्तव्य समजकर करना है, यदि उसे समय पर ही नहीं किया तो समय उस बात का स्वारस्य शोषित कर लेता है।
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